जंग का खतरा बढ़ा तो आसिम मुनीर से इस्तीफा मांगने लगे पाकिस्तानी, उठी इमरान खान की रिहाई की मांग

पाकिस्तान की सेना और सरकार इस बात का अंदाजा लगाने में लगी हुई है कि भारत पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को किस तरह से सजा देगा, इसी बीच उन्हें एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है-इमरान खान की रिहाई की मांग की चुनौती. हाल के दिनों में, शहबाज शरीफ सरकार पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहा करने का दबाव बढ़ रहा है.

पूर्व स्टार क्रिकेटर इमरान खान को अप्रैल 2022 में पाकिस्तान की सेना के साथ मतभेद की वजह से सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाने से पहले इमरान खान ने सेना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद, उनके समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था.

पहलगाम हमले के बाद से, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इमरान के समर्थक मांग कर रहे हैं कि उनकी रिहाई की जाए. इमरान खान के समर्थक कह रहे हैं कि पहलगाम हमले की साजिश पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने रची जिसमें 26 लोग मारे गए और 17 अन्य घायल हुए.

पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के खिलाफ लोगों का बढ़ता असंतोष

एक्स एनालिटिक्स डेटा के अनुसार, हैशटैग #ReleaseKhan ForPakistan का इस्तेमाल कर 3 लाख से ज्यादा पोस्ट किए गए. एक और ट्रेंडिंग हैशटैग, #FreeImranKhan का इस्तेमाल कर 29 अप्रैल तक 35,000 से ज्यादा पोस्ट किए गए.

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आधिकारिक अकाउंट @PTIofficial पर ये हैशटैग 35 से अधिक बार पोस्ट किए गए.

संबंधित हैशटैग जैसे

#RestoreAccessToImranKhan, #PakistanUnder Military Fascism, और #FreeKhan ToLead Pakistan को भी काफी इस्तेमाल किया जा रहा है जो दिखाता है कि पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के प्रति लोगों का असंतोष बढ़ता जा रहा है.

पीटीआई से जुड़े यूजर @indoraptorPti ने पोस्ट किया, ‘अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करने जा रहा है, तो इमरान खान को तुरंत रिहा कर दिया जाना चाहिए और उनके आवास पर ले जाया जाना चाहिए.’

इमरान खान की रिहाई के लिए मुहिम में तेजी

पिछले सोमवार को पाकिस्तानी सीनेट में पीटीआई सीनेटर शिबली फराज ने इमरान खान की रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा कि देश जो फैसला लेगा, उसमें इमरान खान की राय को भी जगह दी जानी चाहिए.

25 अप्रैल को पीटीआई के 29वें स्थापना दिवस पर इमरान खान को रिहा करने के ऑनलाइन कैंपेन में तेजी देखी गई. इस दौरान पीटीआई समर्थकों ने खान की “अवैध” नजरबंदी को खत्म करने की अपील की.

पिछले हफ्ते पाकिस्तान में एक्स यूजर्स ने #ResignAsimMunir,

#PakistanUnder Military Fascism,

#Undeclared Martial Law और

#BoycottFauji Dhanda जैसे हैशटैग पोस्ट करके पाकिस्तानी सेना प्रमुख पर निशाना साधा था.

दशकों से पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगते रहे हैं कि वो भारत के साथ शांति की कोशिशों को नाकाम करने का काम करती है. पाकिस्तानी सेना की देश की सत्ता पर मजबूत पकड़ है और वो सीमा पार आतंकी हमलों को अंजाम देने का काम करती रही है.

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